हर बात से नाराज हूँ ,
मैंने तोड़ दिया हर साज़ ,
कुछ तल्खी सी है दिल में,
कोई धुन न बजी आज,
न सोचना कुछ भी न भूलना कुछ भी
बस बाकि है एक उनकी यादाशत
कुछ तल्खी है दिल में कोई
धुन न बजी आज
हम तो तन्हा है तन्हा रहेंगे
भागता रहे कोई अपने साये के साथ,
कुछ तल्खी सी है दिल में
कोई धुन न बजी आज
हम भी होगे महफ़िल में, जब होगा फैसला - ए- हुजूम
एक और मोहब्बत होगी कत्ल किसी काफ़िर के हाथ...
कुछ तल्खी सी है दिल में
कोई धुन न बजी आज
कुछ मुनासिब उनको भी था आंसू बहाने का..
एक आशिक का जनाजा निकला उनके गली से आज..
कुछ तल्खी सी है दिल में
कोई धुन न बजी आज
bhavp[oorna evam dil ko chhoo lenewali kavita
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