Tuesday 29 November 2011

AABHAR

मेरी पहली रचना जो इन्टरनेट पर प्रकाशित हुई ..... प्रकाशित करने के लिए "हिंदी साहित्य मुंच" एवं श्री मिथिलेश धर दुबे जी का धन्यवाद् ...आपका आभार ...अजय आनंद मिश्र


http://www.hindisahityamanch.com/2011/11/blog-post_29.html

Friday 21 October 2011

दर्द की कहानी

है मुनासिब मोहब्बत को मंजिल न मिले...
न रोना कभी मेरी यादों तले ...

होता है दूर , जो पास कभी होता है..
सीने का दिल ..आँखों से रोता है ..
आंसू बेशक बारे कीमती है तेरे...
न खोना किसी वादे के लिए..
है मुनासिब मोहब्बत को मंजिल न मिले...
न रोना कभी मेरी यादों तले ...

साथ रहेगी बीते वक़्त की परछाइयां ...
खुशनुमा यादों का एक आइना ..
देख लेना मेरी वफ़ा को सनम...
जो कभी परछाइयों से फुरसत मिले..
है मुनासिब मोहब्बत को मंजिल न मिले...
न रोना कभी मेरी यादों तले ...

तेरे दर्द से दिल आबाद है..
कोई दावा नहीं इसका  मय के सिवा ..
उस मय से भला मै क्यूँ गाफिल हुआ..
जो मय तेरे आँखों से मैंने पिए..
है मुनासिब मोहब्बत को मंजिल न मिले...
न रोना कभी मेरी यादों तले ...

इस कहानी को कहानी ही रहने दे..
इस कहानी  का मुकम्मल अंजाम न हुआ..
कितनी रुसवाई होगी , तू सोच ले..
जो कोई भरी  महफ़िल में सुने...
है मुनासिब मोहब्बत को मंजिल न मिले...
न रोना कभी मेरी यादों तले ...

मेरी दुआ है साथ तेरे..
तेरा हर लम्हा ख़ुशी से गुजरे ..
कभी गम मिले तो सोच लेना ..
ये गम अपनी जुदाई से बड़ा तो नहीं..
है मुनासिब मोहब्बत को मंजिल न मिले...
न रोना कभी मेरी यादों तले ...


Monday 10 October 2011

खुद की तलाश

मैं कौन हूँ ?


एक सवाल हूँ ..

खुद उसका जवाब हूँ...

मैं दरिया हूँ..... समंदर की तलाश है...

मैं पंछी हूँ ..खुला आकाश है...

मैं ही सपनो की पीछे भागता हूँ...

मृग मरीचिका जान लौट आता हूँ..

मैं ही शायरों का सरताज हूँ...फिर भी गजल नहीं, न कोई आवाज़ है.

भागता हूँ ठोकरों से सम्हालता हूँ ....

रूठ कर मंजिल से नए रास्ते खोजता हूँ..

हसिनाओ का आशिक .......वज्र की ललकार हूँ ..

मैं नपुंसक, मैं ही भीरू ...

मैं ही कामदेव का अवतार हूँ

शक्ति की परिभाषा ...शौर्य का उदहारण ....मैं ही कायर ..डरपोक हूँ ..

उल्लास का विषय ...जीवन का शोक हूँ...

शाहखर्च हूँ...... जीवन की आय हूँ...

नास्तिक भी हूँ ........... इश्वर का न्याय हूँ ...

इतना जान कर मत सोचना की भगवान् हूँ...

अरे बन्दे मैं तो तेरी तरह ही "आम" इंसान हूँ ..