हर मुस्कराहट में आंसू हैं फिर भी .......
हर पल में मुस्कुराता हूँ.....
तन्हा महफ़िल का शायर हूँ ....... फिर भी गीत सुनाता हूँ .....
कोई सिकवा नहीं कोई गिला नहीं ...
भूला उसे जो मिला नहीं....
भूल जाना चाहता हूँ हर वो पल ....
जिस पल का कोई फलसफा नहीं...
तन्हा महफ़िल का शायर हूँ ....... फिर भी गीत सुनाता हूँ .....
नाराज था कभी खुदा से मैं....
कुछ ऐसी भी शिकायत थी.....
ख़ुशी कभी न मिली मुझे .........
बस गम को दोस्त बनाता हूँ......
तन्हा महफ़िल का शायर हूँ ....... फिर भी गीत सुनाता हूँ .....
कोई तम्मना तो होगी उसकी भी .......
कुछ ख्वाहिशो को सजाय तो होगा....
खुदा भी हर ख्वाहिश से मरहूम है .......
मैं राज़ की बात बताता हूँ....
तन्हा महफ़िल का शायर हूँ ....... फिर भी गीत सुनाता हूँ .....
heart-locking lines....
ReplyDeleteआपकी तारीफ के लिए धन्यवाद् ... बस अपना प्यार बनाये रखियेगा
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteHeart touching poetry
खुदा का याद दिलाया आपने
ReplyDeleteअपने फ़साने में
कब के भूले थे उन्हें हम भी
किसी जन्नत को पाने में